हम अपने साथ हुई दुखद घटनाओं को अपने जीवन से अलग नहीं कर सकते, लेकिन जैसे हम चीनी डालकर चाशनी का स्वाद ठीक कर सकते हैं, वैसे ही पुराने कड़वाहट और दुखों को मिटाने के लिए जीवन में अच्छे अनुभवों की मिठास घोलनी चाहिए।
कॉलेज का छात्र रवि हमेशा बहुत शांत रहता था। वह किसी से ज्यादा बात नहीं करता था, इसलिए उसका कोई दोस्त नहीं था। वह हमेशा थोड़ा नर्वस रहता था। लेकिन लोगों ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। एक दिन वह कक्षा में पढ़ रहा था। उसे चुपचाप बैठे देखकर शिक्षक उसके पास आए और कक्षा के बाद मिलने के लिए कहा।
क्लास ख़त्म होते ही रवि टीचर के कमरे में पहुँचा। शिक्षक ने कहा, रवि, मैं देख रहा हूं कि आप अक्सर बहुत शांत और शांत बैठे रहते हैं, न तो आप किसी से बात करते हैं और न ही किसी चीज में दिलचस्पी दिखाते हैं, इसलिए इसका सीधा असर आपकी पढ़ाई में भी साफ दिखता है! इसका क्या कारण है? रवि ने कहा कि मेरे जीवन में कुछ दुखद घटनाएं हुई हैं,
मैं उनके बारे में सोचता रहता हूं, और मैं किसी चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहा हूं। शिक्षक ने रवि की बात ध्यान से सुनी और मन में उसे सही रास्ते पर लाने की सोची और रविवार को उसे घर बुलाया। रवि अपने घर पहुँचता है। तब शिक्षक ने कहा, रवि, क्या आप नींबू का शरबत पीना पसंद करेंगे? रवि ने हाँ में जवाब दिया। नींबू शरबत तैयार करते समय, शिक्षक ने जानबूझकर अधिक नमक मिलाया और कम चीनी रखी।
एक घूंट पीते ही रवि ने अजीब सा मुंह बनाया। शिक्षक ने पूछा कि क्या हुआ, क्या आपको यह पसंद नहीं आया? रवि ने कहा कि इसमें नमक थोड़ा ज्यादा मिला है। तब शिक्षक ने कहा, हे, कोई बात नहीं, मैं इसे फेंक देता हूं, अब इसका कोई फायदा नहीं है। फिर रवि ने कहा, अगर नमक थोड़ा बढ़ गया है, तो क्या, अगर हम इसमें थोड़ी सी और चीनी मिला देंगे तो यह पूरी तरह से ठीक हो जाएगा।