आपको धोखे के बदले धोखा मिलता है। अगर आप ईमानदारी से काम करेंगे, तो आप जरूर सफल होंगे।
एक बार एक किसान था। एक बेकरी वाला उससे प्रतिदिन दो किलो मक्खन खरीदता था। एक दिन बेकरी ने मक्खन का वजन करने का फैसला किया, यह देखने के लिए कि क्या इसकी मात्रा कम हो गई है।
जब मक्खन तौला गया, तो यह वास्तव में कम था। बेकरी वाला क्रोधित हुआ और किसान के खिलाफ अदालत में पहुँच गया। वहाँ जज ने किसान से पूछा, तुम मक्खन तौलने के लिए क्या करते हो?
किसान ने जवाब दिया- श्री मैं गरीब हूं, मेरे पास वजन तौलने लिए कोई पैमाना नहीं है। तब जज ने पूछा कि तो फिर आप मक्खन का वजन कैसे करते हो? तब किसान ने जवाब दिया कि जब बेकर मुझसे मक्खन खरीदता है तब मैं उससे बदले में दो किलो रोटी खरीदता हूं।
हर सुबह जब बेकर रोटी लाता है, मैं इसे एक तरफ तराजू पर रख देता हूं और दूसरी तरफ मक्खन की समान मात्रा रख देता हूं। यदि मक्खन की मात्रा में कमी पाने का दोष पाया जाता है तो असली दोषी वह बेकर ही है।