व्यक्ति की सोच उसे महान बनाती है, केवल महान चीजें किसी को महान नहीं बनाती हैं।
चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस की प्रसिद्धि चारों ओर फैली हुई थी। उनसे मिलने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे। एक दिन एक व्यक्ति उनसे मिलने उनके पास पहुँचा। उसने कन्फ्यूशियस से एक सवाल पूछा, जिस के लिए वह व्यक्ति कई दिनों तक परेशान था। तो यही सवाल उसने कन्फ्यूशियस से पूछा - क्या कोई व्यक्ति भी है जो महान तो है, लेकिन कोई भी उसे जानता तक नहीं है? कन्फ्यूशियस मुस्कुराए और कहा - हम कई महान लोगों को नहीं जानते हैं।
दुनिया में वास्तव में कई असाधारण लोग हैं, जो महान मनुष्यों से भी बड़े हैं। यह सुनकर उस आदमी ने आश्चर्य से पूछा- यह कैसे हो सकता है? कन्फ्यूशियस ने मुस्कराते हुए कहा- हम तुम्हें ऐसे ही एक व्यक्ति से मिलवाते हैं जो महान कार्य करता है पर उसे कोई नहीं जानता।कन्फ्यूशियस उसे एक गाँव में ले गया। काफी दूर चलने के बाद एक बूढ़ा आदमी दिखाई दिया, जो एक पेड़ के नीचे बैठा था, जो एक घड़े में पानी ले कर बैठा था।
गर्मी में लगातार चलने से तंग आकर दोनों ने बुजुर्ग से पानी मांग कर पानी पी लिया। गर्मी से राहत पाकर दोनों बहुत चैन मिला। जब उस व्यक्ति ने बुजुर्ग को देने के लिए पैसे निकाले, तो उसने पैसे लेने से इनकार कर दिया। कहा- मैं दुकानदार नहीं हूं। मैं केवल लोगों की प्यास बुझाने के लिए एक छोटा सा प्रयास करता हूं, जो मैं इस उम्र में कर सकता हूं। मेरा बेटा चने का कारोबार करता है।
घर पर अकेले बैठकर भी क्या करना है, इसलिए यहाँ मैं चने के साथ एक पानी के घड़े को ले कर बैठ जाता हूँ ताकि मैं जरूरतमंद लोगों को इस गर्मी से प्यास और थकान से राहत दिलवा सकूँ। मुझे इसमें बहुत शांति मिलती है। कन्फ्यूशियस ने यह सुना और उस व्यक्ति से कहा - आप समझ गए होंगे कि मैं क्या कहना चाहता हूं। उस व्यक्ति ने भी संतुष्टि में सिर हिलाया। कन्फ्यूशियस ने कहा - व्यक्ति की सोच उसे महान बनाती है। केवल महान चीजें किसी को महान नहीं बनाती हैं।