वर्कप्लेस डिप्रेशन आपके काम करने के तरीके, अनुभव और वहां किए जा रहे व्यवहार के द्वारा समझा जा सकता है. यह आपके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है साथ ही आपके काम पर भी निगेटिव इफेक्ट डालता है.
आपकी नई नौकरी में शायद ही कोई महीना ऐसा हो जब आप खुद को डिप्रेस्ड महसूस करने लगे हों? यह एक सामान्य लक्षण नहीं है, बल्कि ये बेहद गंभीर समस्या है, जिसे वर्कप्लेस डिप्रेशन कहा जाता है. यह कई युवाओं को होने वाली एक गंभीर बीमारी है. वर्कप्लेस डिप्रेशन आपके काम करने के तरीके, अनुभव और वहां किए जा रहे व्यवहार के द्वारा समझा जा सकता है. यह आपके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है साथ ही आपके काम पर भी निगेटिव इफेक्ट डालता है. इसका सीधा असर आपकी परफॉर्मेंस पर पड़ता है. वर्कप्लेस डिप्रेशन से निपटने की दिशा पहला स्टेप ये है कि आपको इस बारे में जानकारी हो कि आप इससे गुज़र रहे हैं. वर्कप्लेस डिप्रेशन के कारण
1. काम के बारे में कम जानकारी: अगर आपको जॉब के दौरान काम के बारे में कम जानकारी है तो भी आप तनाव महसूस कर सकते हैं. ऐसा तब होता है जब आप किसी के प्रति हीन भावना महसूस करने लगते हैं. ऐसे में नियमित रूप से
आपको इस पर नियंत्रण पाने की कोशिश करनी होगी.
2. जॉब सिक्योरिटी की कमी: जॉब सिक्योरिटी की कमी भी आपको डिप्रेशन का शिकार बनाती है. नौकरी खोने का डर लोगों को वर्कप्लेस डिप्रेशन का शिकार बनाने लगता है.
3. ऑफिस पॉलिटिक्स: अक्सर ऐसा देखा जाता है कि हम कभी-कभी ऑफिस पॉलिटिक्स या चुगली का शिकार बन जाते हैं. ऐसे में हम डिप्रेशन का शिकार होने लगते हैं. इसमें कर्मचारियों के साथ समान व्यवहार न होना या अपने अधिकारों का
गलत इस्तेमाल भी आपको इसका शिकार बना सकता है.
4. काम का प्रेशर बढ़ना: ऑफिस में काम के माहौल में दबाव बढ़ने पर भी आप तनाव का शिकार हो सकते हैं, जिसकी वजह से वर्कप्लेस डिप्रेशन आपको घेर सकता है.
5. माता-पिता के प्रति अपराधबोध: माता-पिता के प्रति अपराधबोध भी डिप्रेशन का बड़ा कारण हो सकता है. हमें लगता है कि हम माता-पिता की अपेक्षाओं पर पूरी तरह से खरे नहीं उतर रहे हैं, ऐसे में भी वर्कप्लेस डिप्रेशन आपको घेर लेता है.